Meera Bai Bhajan by Pandit Mallikarjun Mansur in Raga Bhairavi, Mat ja jogi
मत जा, मत जा, मत जा जोगी पांव परूंगी मैं तेरे, जोगी मत जा, मत जा, मत जा प्रेम भक्ति को * न्यारो, हमको गल बता जा, मत जा, मत जा अगर चंदन की चिता रचाई, अपने हाथ जला जा, जोगी मत जा, मत जा, मत जा * भई भस्म की ढेरी, अपने अंग लगा जा, जोगी मत जा,
22 January, 2012