Krishna bhajan, Bhoolu na yaad tumhaari suno Banvari
भूलूं ना याद तुम्हारी सुनो बनवारी, कि जिया घबराय रहा रे
मेरे मन में उठी है उमंग रे, होरी खेलूं श्याम तोरे संग रे
श्याम रंग भरी पिचकारी तान मोहे मारी, भिजोय मोरी सारी
कि जिया हर्षाय रहा रे
भूलूं ना याद तुम्हारी सुनो गिरधारी कि जिया घबराय रहा रे
मेरे मन में उठी है उमंग रे, झूला झूलूं श्याम तोरे संग में
झूला पड़ा कदम्ब की डारी, झुलावे गिरधारी
कि जिया हरषाय रहा रे
भूलूं ना याद तुम्हारी सुनो गिरधारी कि जिया घबराय रहा रे
मेरे मन में उठी है उमंग रे श्याम यमुना नहाऊं तोरे संग रे
वो तो बैठा कदम्ब की डारी, चुराये मोरी सारी, मैं जल मा उघारी
कि जिया घबराय रहा रे
दे दो, दे दो श्याम मोरा चीर रे, मैं तो कब से खड़ी धर धीर रे
मैं तो जाऊं चरन बलिहारी, मैं बार बार वारी, कि जिया हर्षाय रहा रे
भूलूं ना याद तुम्हारी सुनो गिरधारी कि जिया घबराय रहा रे