गुरु मात पिता, गुरु बंधु सखा, तेरे चरणों में स्वामी मेरे कोटि प्रणाम
Guru bhajan sung in The Art of Living गुरु मात पिता, गुरु बंधु सखा, तेरे चरणों में स्वामी मेरे कोटि प्रणाम
Guru bhajan sung in The Art of Living गुरु मात पिता, गुरु बंधु सखा, तेरे चरणों में स्वामी मेरे कोटि प्रणाम
जित बिठ्लावे तित ही बैठूं, जो पहरावे सोई सोई पहरूं मेरी उनकी प्रात पुरानी, बेचे तो बिक जाऊं गुरु मेरी पूजा, गुरु गोविंद, गुरु मेरो प्राणधन, गुरु भगवंत, गुरु मेरा पारब्रह्म, गुरु भगवंत
मीरा के प्रभु गिरधर नागर, हरख हरख जस गायो पायो जी मैने राम रतन धन पायो Saint Meera Bai says: My Guru has given me the most invaluable treasure. God belongs to me, and I laugh and sing God’s praise.
गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वरः गुरुर्देव परंब्रह्मः तस्मै श्री गुरवे नमः। अज्ञानतिमिरांधस्य ज्ञानांजनशलाकया चक्षुरौन्मीलितं येन तस्मै श्री गुरवे नमः। अखण्डमण्डलाकारं व्याप्तं येन चराचरं तदपदं दर्शितं येन तस्मै श्री गुरवे नमः।
मैं नीवीं मेरा सतगुरु ऊंचा, उचेया दे नाल लाई मैं कमली मैंनूं इलम ना कोई, कदी ना गुरु नूं मनाया की दस्सा ओसदी वडियाई, जिन कागो हंस बणाया डोल रही सी नैया मेरी, उत्तो रात हनेरी धन नी सैयो, सतगुरु मेरे, बांह पकड़ लई मेरी वारी जावां नी मैं इनां चरणा
मेरी ज़िंदगी बसंत दी बहार हो गई, मेरे हिरदय दे फुल्लां नूं चढ़ाया रहन दे उस दाता दे दर ते उमंग आ गई, उसदे दर उत्ते पलड़ा बिछाया रहन दे A song heard from my grandmother, learnt by my mother and now me - A timeless folk song from Punjab.
My Satguru’s grace is more valuable than millions of joys and kingdoms :-)