और राग सब बने बराती, दूल्हा राग बसंत, Raga Basant by Pandit Jasraj
और राग सब बने बराती, दूल्हा राग बसंत
मदन महोत्सव आज सखी री अब, विदा भयो हेमंत
सहचर गान करत ऊंचे स्वर, कोकिल बोले असंख्य
गावत नारी पंचम स्वर ऊंचे स्वर, ऐसो गीत अनंत
कृष्ण दास स्वामिन बड़भागिन, मिल्यो है भावतो…