Maine socha na tha, by Vikram Hazra

एक दिन आप यूं हम को मिल जायेंगे, फूल ही फूल राहों में खिल जायेंगे, मैंने सोचा ना था

एक दिन ज़िंदगी होगी इतनी हसीं, झूमेगा आस्मां गायेगी ये ज़मीं, मैंने सोचा ना था

दिल की राहों में कलियां सी खिलने लगीं, जब निगाहें निगाहों से मिलने लगी

दिल की डाली पे कलियां सी खिलने लगीं, जब निगाहें निगाहों से मिलने लगी

एक दिन इस तरह होश खो जायेंगे, पास आये तो मदहोश हो जायेंगे, मैंने सोचा ना था

एक दिन ज़िंदगी होगी इतनी हसीं, झूमेगा आस्मां गायेगी ये ज़मीं, मैंने सोचा ना था

जगमगाती हुई जागती रात है, रात हे या सितारों की बारात है

एक दिन दिल की राहों में अपने लिये जल उठेंगे मोहब्बत के इतने दिये, मैंने सोचा ना था

एक दिन आप यूं हम को मिल जायेंगे, फूल ही फूल राहों में खिल जायेंगे, मैंने सोचा ना था




blog comments powered by Disqus



God as First, second and third person