Sri Banke Bihari ji ke sawaiya, 37 of 144
३७.
चैन नहीं दिन रैन परै जब ते तुम नयनन नेक निहारे।
काज बिसार दिये घर के व्रजराज! मैं लाज समाज विसारे॥
मो विनती मनमोहन मानियो मोसों कबू जिन हूजियो न्यारे।
मोहि सदा चितसों अनि चाहियो नीके कै नेह निबाहियो प्यारे॥
Sawaiya verses from Vrindavan are an expression of devotion to Sri Radha Krishna.