Krishna bhajan, Mukut varo kunjan me sataki gayo re
मुकुट वारो कुन्जन में सटकि गयो रे जनम को रारी, है नाम बनवारी हमारो जिया वही में अटकि गयो रे कदम की छैया चरावे नित गैया हमारो जिया वही में अटकि गयो रे मुकुट वारो कुन्जन में सटकि गयो रे हमारी गली आयो, तनिक मुस्कायो हमारो जिया वही में अटकि गयो