Krishna bhajan, Mukut varo kunjan me sataki gayo re

मुकुट वारो कुन्जन में सटकि गयो रे जनम को रारी, है नाम बनवारी हमारो जिया वही में अटकि गयो रे कदम की छैया चरावे नित गैया हमारो जिया वही में अटकि गयो रे मुकुट वारो कुन्जन में सटकि गयो रे हमारी गली आयो, तनिक मुस्कायो हमारो जिया वही में अटकि गयो

11 March, 2010

Krishna bhajan, Darshan do ghanshyam, Narsi Mehta

A beautiful Krishna bhajan from movie Narsi Bhagat (1957), sung by Hemant Kumar, Sudha Malhotra and Manna Dey. Music is by Ravi. Narsi Mehta’s favourite raga was Kedar, which he used to communicate with Krishna. Lyrics दर्शन दो घनश्याम, नाथ

25 February, 2010


Krishna bhajan in Hindi, 2

Krishna bhajan in Hindi, 2, Narayan param dayalu re, bhajo Radhe Govinda, नारायण परम दयालु रे, भजो राधे गोविन्दा

Narayan param dayalu re, bhajo Radhe Govinda… नारायण परम दयालु रे, भजो राधे गोविन्दा राधे गोविन्दा, भजो राधे गोविन्दा… वृन्दावन में रास रचायो लूट-लूट दधि माखन खायो मोहन रास बिहारी रे भजो राधे गोविन्दा राधे गोविन्दा, भजो राधे गोविन्दा…

15 February, 2010

Krishna bhajan in Hindi, 1

Krishna bhajan in Hindi, 1

सुनो टेर मेरी, अहो कृष्ण प्यारे कनक पाट खोलो, हैं द्वारे पे आये सुना है पतितों को पावन बनाते सुना है कि दुखियों को हृदय से लगाते यही आस ले दासी द्वारे पे आई सुनो टेर मेरी, अहो कृष्ण प्यारे कनक पाट खोलो, हैं द्वारे पे आये सुना हमनें मुरली

15 February, 2010

Krishna bhajan in Punjabi,1

Krishna bhajan in Punjabi

श्यामा फड़ेया पितांबर तेरा, कित्थे नस के जावेगा हुन मैं आन डिगी दर तेरे, दर्शन कदों दिखावेगा छडेया तेरे लई ज़माना, तूं ना लांवी कोई बहाना असां छड के न‍इयों जाना, जद तक खैर ना पावेगा श्यामा फड़ेया पितांबर तेरा, कित्थे नस के जावेगा हुन मैं आन

15 February, 2010


Sri Banke Bihari ji ke sawaiya, 18 of 144

१८. राधिका कान्ह को ध्यान धरैं, तब कान्ह ह्वै राधिका के गुण गावैं । त्यों अँसुवा बरसैं बरसाने को पाती लिखैं लिखि राधे को ध्यावैं ॥ राधे ह्वै जायँ घरीक में ‘देव’ सु प्रेम की पाती लै छाती लगावैं । आपने आप ही में उरझैं सुरझैं , उरझैं,

21 October, 2009

Sri Banke Bihari ji ke sawaiya, 20 of 144

Krishna painting

मानस हों तो वही ‘रसखान’, मिलूँ पुनि गोकुल गाँव के ग्वारन । जो पसु होऊँ कहा वस मेरो, चरूँ पुनि नन्द के धेनु मझारन ॥ पाहन हों तो वही गिरि को, जो कियो जिमि छत्र पुरंदर कारन । जो खग हो‍ऊँ वसेरो करूँ, नित कालन्दी कूल कदम्ब की डारन ॥ Raskhan says

13 November, 2009

Sri Banke Bihari ji ke sawaiya, 14 of 144

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१४. मेरो स्वभाव चितैवे को माई री, लाल निहारि कै बंसी बजाई । बा दिन सों मोहिं लागो ठगौरी सी लोग कहैं लखि बाबरी आई ॥ यों ‘रसखानि’ घिरी सिगरो ब्रज जानत है जिय की जियराई । जो कोऊ चाहै भली अपनो, तो सनेह न काहूसों कीजियो माई ॥ In this

08 October, 2009



Pundit Jasraj sings Krishnashtakam