Sri Banke Bihari ji ke sawaiya, 39 of 144
योगिया ध्यान धरैं जिनको, तपसी तन गारि के खाक रमावै। चारों ही वेद ना पावत भेद, बड़े तिर्वेदी नहीं गति पावैं॥
19 June, 2010
योगिया ध्यान धरैं जिनको, तपसी तन गारि के खाक रमावै। चारों ही वेद ना पावत भेद, बड़े तिर्वेदी नहीं गति पावैं॥