Swami Ramtirtha’s poem, I am what you are
जो तू है सो मैं हूं, जो मैं हूं सो तू है।
न कुछ आरज़ू है, न कुछ जुस्तजू है॥
बसा राम मुझ में, मैं अब राम में हूं।
न इक है, न दो हैं, सदा तू ही तू है॥
जो तू है सो मैं हूं, जो मैं हूं सो तू है।
न कुछ आरज़ू है, न कुछ जुस्तजू है॥
बसा राम मुझ में, मैं अब राम में हूं।
न इक है, न दो हैं, सदा तू ही तू है॥