Holi song with lyrics by Malini Awasthi फगुनवा मा रंग रच रच बरसे

और महीनवा मा बरसे ना बरसे, फगुनवा मा रंग रच रच बरसे|

अरे फागुन को एसो गुन

महल मढ़ई दूनों एक होई जायें

और राजा और रंक दूनों मिल कर गायें|

क्या?

फगुनवा मा रंग रच रच बरसे...

अरे बाग वाली भीजे, बगेचा वाली भीजे

उहों भीज गईली जो निकली ना घर से

फगुनवा मा रंग रच रच बरसे...

लरिका भी भीज लीं, मेहरारू भी भीज लीं,

मेहरारू भी भीज लीं, परानिवा भी भीज लीं,

उहों भीज लईली जो अस्सी बरस की

फगुनवा मा रंग रच रच बरसे...




blog comments powered by Disqus



Krishna bhajan – tum kaha chhupe bhagavan ho