Aap ko dekh kar dekhta rah gaya, Ghazal by Jagjit Singh, video and lyrics
Ghazal lyrics by Wasim Barelavi
आपको देख कर देखता रह गया, क्या कहूं, और कहने को क्या रह गया
आते आते मेरा नाम सा रह गया, उसके होंठों पे कुछ कांपता रह गया
वो मेरे सामने ही गया, और मैं रास्ते की तरह देखता रह गया
झूठ वाले कहीं से कहीं बढ़ गये, और मैं था कि सच बोलता रह गया