Swami Ramtirtha’s message on Love and Sacrifice
- विषय वासना-हीन प्रेम ही आध्यात्मिक प्रकाश है।
- प्रेम का अर्थ है, व्यवहार में अपने पड़ोसियों के साथ, उन लोगों के साथ जिनसे आप मिलते जुलते हैं, एकता और अभेदना का अनुभव करना।
- कामना रहित कर्म ही सर्वोत्तम त्याग अथवा पूजा है।
- अहंकार-पूर्ण जीवन को छोड़ देना ही त्याग है, और वही सौंदर्य है।
- एक-एक में और सब में ईश्वरत्व का भान करना ही वेदान्त के अनुसार त्याग है।
- त्याग के अतिरिक्त और कहीं वास्तविक आनन्द नहीं मिल सकता; त्याग के बिना न तो ईश्वर-प्रेरणा हो सकती है, न प्रार्थना।
- सच्चा प्रेम, सूर्य के समान, आत्मा को विकसित कर देता है – मोह मन को पाले के समान ठिठुराकर संकुचित कर डालता है।
- प्रेम को मोह मत समझो – प्रेम और है, मोह और है – इन्हें एक समझना भारी भूल है।
- प्रेम का अर्थ है सौंदर्य का दर्शन करना।
~ स्वामी रामतीर्थ