Swami Ramtirtha’s sayings

  • सफलता का रहस्य है वेदान्त को व्यवहार में लाना। व्यावहारिक वेदान्त ही सफलता की कुंजी है।
  • तुम एक मात्र सत्य पर आरूढ़ हो – इस बात से भयभीत मत हो कि अधिकांश लोग तुम्हारे विरुद्ध हैं।
  • जिस चीज़ को स्वीकार करो या जिस धर्म पर विश्वास करो, उसकी निजी श्रेष्ठता के कारण से करो – स्वयं जांच पड़ताल करो – खूब छानबीन कर लो।
  • वेदान्त शब्द का सीधा-सादा अर्थ है परम तत्व। वह तत्व, वह सत्य तुम्हारी निजी वस्तु है। वह जैसी राम की है वैसी तुम्हारी है। वह तत्व किसी एक की सम्पत्ति नहीं परन्तु प्रत्येक व्यक्ति और प्रत्येक वस्तु उस परम तत्व की है।
  • धर्म का सार तत्व है अपने ऊपर से पर्दे का उठाना अर्थात अपने आप का रहस्य जानना।
  • वेदान्त आपकी कामनाओं को छीन कर आप को दुखी नहीं बनाता, किन्तु वेदान्त आपसे इन इच्छाओं का सदुपयोग करने के लिये कहता है जिससे वे आधीन रहें। इच्छाओं द्वारा क्रूरतापूर्वक शासित होने के स्थान में वेदान्त आपको उनका शासक बनाना चाहता है।
  • सच्चे धर्म का मतलब ईश्वर शब्द का विश्वास करन��� की अपेक्षा भलाई पर अधिक विश्वास करना है।
  • प्रार्थना करना कुछ शब्दों को दुहराना नहीं है – प्रार्थना का अर्थ है परमात्मा का मनन और अनुभव करना।
  • भय और दण्ड से पाप कभी बंद नहीं होते।
  • सत्य तो वह है जो तीनों कालों में एक समान रहता है, जैसा कल था, वैसा ही आज है और वैसा ही सदा आगे रहेगा – किसी घटना विशेष से उनका संबंध नहीं जोड़ा जा सकता।



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Online Vigyan Bhairav by Gurudev Sri Sri Ravi Shankar ji