Guru bhajan, Shabad by Hans Raj Hans, Mil mere pritam ji o
मिल मेरे प्रीतम जी ओ, तुद बिन खड़े निमाने
नैनन नींद ना आवे जी
भावे अन्न ना पाणी
पाणी अन्न ना भावे
मरिये हां वे
बिन तिर क्यों सुख पाइये
गुरु आगे करो बिनंती जे गुरु भावे
जो मिल तिने मिलाइये
मिल मेरे प्रीतम जी ओ
मत कोई सज्जण
आपे मेले…
सदा सुहागिन
ना पिर मरे ना जाये