Radha Krishna lila, Sri Banke Bihari ke sawaiya, 50 of 144
५०. हेलो री मैं लख्यो आजु को खेल बखान कहां लौ करे मत मोरी। राधे के सीस पै मोर पखा मुरली लकुटी कटि में पट डोरी॥ बेनी विराजत लाल के भाल ओ चूनर रंग कसूम में बोरी। मान के मोहन बैठि रहे सो मनावति श्री वृषभान किसोरी॥५०॥